मंडी जिले में बारिश और बाढ़ से हुई व्यापक तबाही का जायजा लेने रविवार को पहुंची केंद्रीय टीम भी प्रभावित इलाकों की स्थिति देखकर भावुक हो उठी। टीम ने थुनाग और जंजैहली के बगस्याड़ और शरण गांवों में पहुंचकर लोगों के क्षतिग्रस्त घरों, संपत्तियों और संस्थानों का निरीक्षण किया।
केंद्रीय दल ने थुनाग बाजार में दुकानों, घरों और संस्थानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ-साथ लंबाथाच में क्षतिग्रस्त शैक्षणिक संस्थानों, पांडवशिला व कुथाह में टूटे सड़कों और अन्य सार्वजनिक ढांचों का निरीक्षण भी किया।
400 करोड़ से अधिक का नुकसान सिर्फ सराज में
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने मंडी डीआरडीए सभागार में हुई समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय टीम को जिले में आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक के प्रारंभिक आकलन में मंडी जिले को 708 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है, जिसमें सबसे अधिक 400 करोड़ का नुकसान सराज उपमंडल (थुनाग) में आंका गया है। वहीं करसोग में 55 करोड़ और धर्मपुर में 47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
1200 करोड़ की राहत राशि की जरूरत
जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नुकसान की भरपाई के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। नुकसान का पूरा आकलन अभी जारी है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (वित्त आयोग डिविजन) में उप सचिव केवी पटेल ने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी ताकि राहत कार्यों को शीघ्र गति दी जा सके।