शुरुआती रुझान में पवन सिंह बढ़त बनाए हुए थे। लेकिन अब वह तीसरे नंब पर चले गए हैं। पवन सिंह को 87,039 वोट मिले हैं। जबकि उपेंद्र कुशवाहा को 93,606 वोट मिले हैं। वहीं, महागठबंधन समर्थित CPI (ML) के कैंडिडेट राजाराम सिंह 40 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।बिहार के 40 लोकसभा सीटों पर मतगणना जारी है। काराकाट लोकसभा सीट इस वक्त चर्चा का केंद्र बनी हुई है। काराकाट में शुरुआती रुझान में लग रहा था कि भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह जीत जाएंगे। वह शुरुआती रुझान में बढ़त बनाए हुए थे। लेकिन अब वह तीसरे नंब पर चले गए हैं। पवन सिंह को 87 हजार 039 वोट मिले हैं। जबकि उपेंद्र कुशवाहा को 93 हजार 606 वोट मिले हैं। वहीं, महागठबंधन समर्थित CPI (ML) के कैंडिडेट राजाराम सिंह 40 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। उनको 1 लाख 32 हजार 712 वोट मिले हैं।काराकाट लोकसभा सीट से पहले एनडीए समर्थित उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा थे और महागठबंधन की तरफ से राजाराम सिंह थे। इस इलेक्शन में सिर्फ इन दोनों नेताओं के बीच मुकाबला था। लेकिन पवन सिंह ने काराकाट से इलेक्शन का एलान कर दिया था, जिसके बाद काराकाट का मुकाबला दिलचस्प बन गया। राजनीतिक विशलेषकों का कहना था, यहां पवन सिंह उपेंद्र कुशवाहा को कड़ी टक्कर देंगे और हो सकता है कि पवन सिंह यहां जीत जाएं। लेकिन अभी तक के आंकड़ों को देखा जाए तो लगता है काराकाट से पवन सिंह हार जाएंगे, क्योंकि वह तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। CPI (ML) के कैंडिडेट राजाराम सिंह और एनडीए समर्थित कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा, कुशवाह समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। काराकाट में इस जाति की वोटर्स की अच्छी-खासी संख्या है। वहीं, पवन सिंह सर्वण जाति से आते हैं। पवन सिंह को भोजपुरी इंडस्ट्री का पावर स्टार कहा जाता है। भोजपुरी समाज में पवन सिंह की अच्छी फैन फॉलोइंग है। वहीं, सवर्ण जाति का वोट बीजेपी का माना जाता है।ऐसे में लग रहा था उपेंद्र कुशवाहा काराकाट से इलेक्शन जीत जाएंगे। लेकिन पवन सिंह की एंट्री से कुशवाहा और पवन सिंह दोनों हार की कगार पर हैं।साल 2019 के लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से जदयू कैंडिडेट महाबली सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को 84 हजार 542 वोटों से हरा दिया था। वहीं, साल 2014 में उपेंद्र कुशवाहा ने इस सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने राजद के कैंडिडेट कांती सिंह को करारी शिकस्त दी थी।