हरिद्वार से एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शहर के एक प्राथमिक स्कूल में एक शिक्षक द्वारा सात साल के मासूम छात्र अरसालान को बेरहमी से पीटे जाने का मामला सामने आया है। घटना ने न केवल परिवार को सदमा दिया है बल्कि पूरे शहर में गुस्से और चिंता की लहर फैला दी है। घटना के मुताबिक, अरसालान पहली कक्षा में पढ़ता है। परिजनों का कहना है कि शिक्षक ने उसे धार्मिक आधार पर निशाना बनाकर पीटा, जिससे बच्चा अत्यधिक डर और तनाव में है। परिवार का दावा है कि अरसालान अभी भी स्कूल जाने से डरता है और घर पर भी बेहद सहमा हुआ रहता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियोज ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। वायरल सामग्री में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे के शरीर पर मारपीट के गंभीर निशान हैं। ये तस्वीरें दिखाती हैं कि मासूम के साथ कितनी बेरहमी बरती गई। परिजन इस पूरे मामले में दोषी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे शिक्षक बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने शिक्षक को तुरंत निलंबित करने और कानूनी कार्रवाई करने की भी जोरदार अपील की है।
शिक्षा विभाग ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वायरल वीडियोज और फोटोज को ध्यान में रखते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने समाज में बच्चों की सुरक्षा, स्कूलों में अनुशासन और धार्मिक भेदभाव जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर गहरा असर डाल सकती हैं और इसे रोकने के लिए स्कूल प्रशासन को और अधिक सतर्क रहना होगा।
अरसालान जैसे मासूम बच्चों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण बनाना हर शिक्षक और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी है। यह घटना समाज को याद दिलाती है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना हर स्तर पर प्राथमिकता होनी चाहिए।