उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS ) ने उत्तराखंड ( STF) की मदद से हरिद्वार से गजवा-ए-हिंद के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों की बात मानें तो आतंकवादी त्योहारी सीजन में कोई बड़ी आतंकी घटना के फिराक में घूम रहे थे। गिरफ्तारी के बाद एटीएस आतंकवादियों को गुप्त स्थान पर पूछताछ करने के लिए ले गई है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने हरिद्वार में आतंकवादियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। बताया कि कंफर्म इनपुट के आधार पर उत्तराखंड के हरिद्वार में छापे मारने के लिए उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश एटीएस को पूरा सहयोग किया था। डीजीपी कुमार ने बताया कि आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड पुलिस भी हाई अलर्ट मोड पर आ गई है।
डीजीपी कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों के पुलिस कप्तान को विशेषतौर से सतर्क रहने के साथ ही सर्च अभियान चलाने के लिए भी कहा गया है। साथ ही, किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी को इंटेलीजेंस एजेंसी को भी अलर्ट किया गया है।
मालूम हो कि यूपी एटीएस ने कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा और उसके सहयोगी बांग्लादेशी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी आतंकियों को पिछले तीन दिनों तक चलाए गए अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न शहरों, सहारनपुर, शामली और हरिद्वार से दबोचा गया।
दोनों संगठन गजवा-ए-हिन्द के उद्देश्य को पूरा करने के लिए नेटवर्क का विस्तार कर रहे थे। अपनी सहयोगी एजेंसियों एवं स्थानीय पुलिस के साथ एटीएस ने यह अभियान चलाया। अभियान में सहारनपुर के गागलखेड़ी थाना क्षेत्र सैय्यद मजरा गांव निवासी लुकमान, मनोहरपुर निवासी कारी मुख्तार, देवबंद थाना क्षेत्र स्थित जाहीरपुर गांव निवासी कामिल व गागलखेड़ी थाना क्षेत्र स्थित कैलाशपुर निवासी मो. अलीम, शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र स्थित नंगला नाई निवासी शहजाद को गिरफ्तार किया।
इनके अलावा, गिरिडीह झारखंड निवासी नवाजिश अंसारी, उत्तराखंड के हरिद्वार के नगल इमरती निवासी मुदस्सिर और बांग्लादेशी नागरिक अलीनूर को अलग-अगल स्थानों से गिरफ्तार किया गया। अलीनूर, मुदस्सिर व कामिल को रुपैडीहा (नेपाल) से सटी भारतीय सीमा में पकड़ा गया, जबकि नवाजिश अंसारी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। बांग्लादेशी अलीनूर मदरसे में शिक्षक रहा है।