बक्सर जिले में अवैध रूप से बिना निबंधन संचालित नर्सिंग होम, क्लिनिक और निजी अस्पतालों के खिलाफ बक्सर जिला प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। डीएम अंशुल अग्रवाल के आदेश पर मंगलवार को दूसरे दिन भी सात अस्पतालों को सील कर दिया गया, जिससे अब तक कुल 29 अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इन अवैध अस्पतालों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
सील किए गए अस्पतालों की सूची
दूसरे दिन जिन अस्पतालों को सील किया गया, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
1. प्रकाश यूरो स्टोन एवं किडनी केयर, बक्सर
2. जय माता दी चिकित्सालय, बक्सर
3. पासवान क्लिनिक, कोरानसराय
4. डॉ. धर्मवीर अस्पताल, कोरानसराय
5. डॉ. नंद लाल तिवारी हॉस्पिटल, कोरानसराय
6. पूजा मेडिकल (दुर्गा क्लिनिक), नियाजीपुर
7. पी. के. सरकार (बंगाली क्लिनिक), नियाजीपुर
पहले दिन 22 अस्पतालों पर की गई कार्रवाई में कई प्रमुख नर्सिंग होम, क्लीनिक और अस्पतालों को सील किया गया। इनमें से बक्सर, राजपुर, इटाढ़ी, डुमरांव और रघुनाथपुर के कई निजी अस्पताल शामिल हैं।
मरीजों को किया गया स्थानांतरित
जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन अस्पतालों में इलाजरत मरीजों को उचित इलाज के लिए नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पताल और सदर अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए, ताकि मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
अवैध अस्पतालों पर सख्त नजर
डीएम अंशुल अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि जिले में संचालित सभी अवैध नर्सिंग होम, अस्पताल और जांच केंद्रों पर प्रशासन की सख्त नजर रहेगी। इसके लिए सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि वे पहले से सील किए गए अस्पतालों पर निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि अवैध तरीके से किसी भी अस्पताल का संचालन न हो।
इस सख्त कार्रवाई से न केवल बक्सर जिले में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी अवैध अस्पतालों और क्लीनिक संचालकों में हड़कंप मच गया है। प्रशासन के इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अवैध रूप से मरीजों का इलाज कर रहे संस्थानों पर लगाम लगाना है। डीएम के निर्देश के अनुसार, इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। सभी अनियमितताओं को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।