ड्राइविंग के दौरान झपकी आई तो अलार्म करेगा अलर्ट, तेज गति पर गिरेगी चालक की रेटिंग

उत्तराखंड में अनेक हादसे या कहे तो देशभर में कई हादसे चालक की नींद की झपकी आने से हो जाते है जिनका परिणाम बेहद ही भयानक और दर्दनाक होता है लेकिन अब परिवहन निगम ने सफर को सुरक्षित करने के लिए एक ऐप तैयार किया है जिसका नाम है हमसफर, इस एप का काम यह है कि रोडवेज बस चलाते समय यद्पि चालक को तीन सेकेंड की झपकी आई तो अलार्म बज उठेगा, वहीं इस एप में ड्राइविंग के दौरान चालक की हर पल की रेटिंग होगी। बस संचालन के दौरान कई बार रोडवेज बसों में ऐसे हादसे सामने आए हैं, जिनमें ड्राइवर के झपकी लेने की वजह से यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ गई।

एप से ड्राइविंग की गति का भी चलेगा पता

मॉर्डनाइजेशन पर काम कर रहे परिवहन निगम ने इस खतरे को कम करने के लिए हमसफर ऐप तैयार किया है। इस ऐप को ड्राइवर अपने मोबाइल में डाउनलोड करेगा। ड्राइविंग के दौरान मोबाइल में यह ऐप ड्राइवर के सामने मोबाइल में खुला होगा। बस कितनी गति से चल रही है, इसकी जानकारी लगातार ऐप से निगम को मिलेगी।

गलत ड्राइविंग, तेज ड्राइविंग पर हर पल ड्राइवर की रेटिंग गिरेगी और सही सुरक्षित ड्राइविंग पर रेटिंग अच्छी होगी। गंतव्य तक पहुंचने के बाद इस रेटिंग के आधार पर ही ड्राइवर को निगम की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने बताया कि मॉर्डनाइजेशन के तहत हमसफर, अटेंडेंस एप और फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम (एफएमएस) तैयार किया गया है। अभी इसकी लांचिंग होना बाकी है।

हर पल की सूचना मिलेगी विभाग को

हमसफर ऐप से ड्राइवर की हर हरकत पर नजर रहेगी। ड्राइविंग के दौरान उसकी वर्दी से लेकर बस संचालन की पूरी जानकारी ऐप के माध्यम से परिवहन निगम को मिलती रहेगी। अगर किसी ड्राइवर की रेटिंग लगातार गिरेगी तो इसे निगम गंभीरता से लेकर कार्रवाई भी करेगा।

मोबाइल से ही बायोमीट्रिक हाजिरी लगाएंगे रोडवेज कर्मचारी

परिवहन निगम के कर्मचारियों को अब हाजिरी लगाने के लिए किसी दूसरे उपकरण के पास नहीं जाना होगा। निगम ने अटेंडेंस ऐप तैयार किया है। निगम के हर दफ्तर की जियो फेंसिंग की जाएगी। इसके लिए मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करना होगा। इस ऐप को मोबाइल में खोलकर यहां अंगूठे से बायोमीट्रिक हाजिरी लगेगी। यह ऐप भी जल्द ही लांच होगा।

 बस की लोकेशन, माइलेज, मेंटिनेंस बताएगा एफएमएस सिस्टम

परिवहन निगम की बसों में फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम (एफएमएस) भी लागू होने जा रहा है। इससे रोडवेज बसों की हर पल की लोकेशन, बस में खर्च होने वाले डीजल के साथ ही बस की मेंटिनेंस जरूरतों आदि का भी पता चल जाएगा।

 

 

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