देहरादून: आज सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाले राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान,नई दिल्ली ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के साथ मिलकर ट्रांसजेंडर पर्सनस (अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया।सेमिनार का उद्देश्य जहां एक ओर एल.जी.बी.टी.क्यू. से सम्बंधित कानून एवं अधिकारों के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक करना था वहीं दूसरी ओर ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी को मुख्यधारा से जोड़ने का एक प्रयास भी था।
कार्यक्रम में एन आई एस डी के सलाहकार संजय पंवार ने सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण पर बात करते हुए ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। साथ ही विषय से संबंधित कानूनी दृष्टिकोणपर भी बात की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जितेन्द्र जोशी, कुलपति प्रो (डॉ.) धर्म बुद्धि, विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष डॉ सतबीर सिंह सहगल, उपकुलपति प्रो (डॉ) राजेश बहुगुणा उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड की पहली महिला ट्रांसजेंडर एवं समाज से विकासुश्री अदिति शर्मा जी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अदिति शर्मा ने अपने जीवन के कड़वे अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एक ट्रांसजेंडर के रूप में उन्होंने जिन परिस्थितियों एवं कठिनाइयों का सामना करते हुए समाज में अपनी एक विशिष्ट जगह बनाई वो आसान नहीं था। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निर्देशक डॉ जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम के सभी अतिथियों को पुष्प पुंज एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण उत्तरांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के थियेटर क्लब “अभिव्यक्ति”द्वारा प्रस्तुत पहचान नामक नाट्क रहा। नाटक में सभी कलाकारों ने भाव एवं संवेदनाओं से भरा अभिनय कर सभी दर्शकों का दिल जीत लिया। नाटक के निर्देशक कैलाश कंडवाल (असिस्टेंटप्रोफेसर) के साथ- साथ पवन डबराल (असिस्टेंट प्रोफेसर) विशाल सावंत, गायत्री टम्टा, सुदीप जुगराण, मिनाक्षी जुयाल, नीतीश कुरेदा,रीतिक कुमार, हर्ष जोशी, हसन हादी, शुभम कर्णवाल, अधिनायक कांडपाल,शुभम पुरोहित, निशांत , भूमि ने भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी। सभी कलाकारों को प्रोत्साहन के रूप में प्रमाण पत्र भी दिए गए। कार्यक्रम में कल्चरल हैड डॉ भारती रमोला, डॉ लक्ष्मी प्रिया,स्मृति उनियाल, रूही क़ादरी, प्रदीप पाल राणा भी मौजूद रहे।