उत्तरप्रदेश की रीति और अनुभवों के आधार पर अपनी नीति तय करने वाली प्रदेश सरकार अब अपनी टूल किट से नीतियां बनाएगी। इसमें नियोजन विभाग का लोक नीति एवं सुशासन केंद्र(सीपीपीजीजी) सहयोग करेगा। पहली बार सीपीपीजीजी ने नीति बनाने के लिए एक टूल किट का खाका तैयार किया है।
यह टूल किट नीति बनाने का बुनियादी आधार सुझाएगी और वैज्ञानिक, व्यावहारिक और विषय केंद्रित नीति का दस्तावेज तैयार करने में मदद करेगी। सचिव नियोजन डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने साक्ष्य आधारित और डाटा केंद्रित नीति बनाने के लिए इस पॉलिसी मेकिंग टूल किट की मार्गदर्शिका सभी विभागों को भेज दी है। इसमें कदम दर कदम नीति बनाने और उसे लागू करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
सचिव का मानना है कि यह टूल किट प्रगतिशील नीति बनाने में निश्चित तौर पर सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने विभागों से भी अपेक्षा की है कि वे विभागीय नीति निर्माण की प्रक्रिया में इस टूल का प्रयोग करेंगे। उनका मानना है कि इससे साक्ष्य आधारित विभागीय नीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी।
सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्याधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत का कहते हैं, पहली बार नीति बनाने के लिए कोई मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई गई है। हमें नहीं लगता कि किसी अन्य राज्य में ऐसा कोई प्रयोग हुआ है। इस टूल किट की मदद से विभागीय नीतियां बनाने में काफी मदद मिलेगी।
यह बात सही है कि नीति बनाते समय सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और पर्यावरणीय कारण महत्वपूर्ण होते हैं और उत्तराखंड जैसे राज्य में सभी क्षेत्रों और विभागों में नीति बनाने के लिए कोई एक समान दृष्टिकोण लागू नहीं किया जा सकता। लेकिन यह मार्गदर्शिका नीति बनाने का वह बुनियादी आधार प्रदान करती है, जो इसकी आवश्यकता, साक्ष्य, प्रभाव, हित धारकों पर केंद्रित होता है।