भा.ज.पा. ने संकल्प पत्र में की कई घोषणाएं, गरीबों, महिलाओं, किसानों के लिए विशेष योजनाएं

दिल्ली:- विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है। खजाना भरा रखने के लिए सभी विभागों ने बजटीय तैयारियां शुरू दी हैं। मंगलवार को दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद, कपिल मिश्रा, मनजिंदर सिंह सिरसा और रविंद्र सिंह इंदराज ने अपने-अपने विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें कई अहम मुद्दों पर मंथन किया गया। इस दौरान मंत्रियों ने न सिर्फ अपने विभागों की चल रही योजनाओं पर चर्चा की, बल्कि लंबित योजनाओं और भविष्य में लागू करने वाली योजनाओं के बारे में भी गहन विचार-विमर्श किया। इसमें अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे भाजपा के संकल्प पत्र के साथ बजट का तालमेल बिठाएं। सरकार हर सूरत में वादों को पूरा करती नजर आनी चाहिए।

मंत्री आशीष सूद, कपिल मिश्रा, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र सिंह इंदराज ने अलग-अलग बैठकों में भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों पर भी चर्चा की। इसमें दिल्ली के विकास के लिए कई योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए बजट में इस तरह के प्रावधान जोड़े जाएं, जिससे जनता सीधा लाभ मिल सके। इसके अलावा विकास कार्यों और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बजट में नई योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था करनी है। मंत्रियों की इन बैठकों से यह स्पष्ट हो गया कि आगामी बजट में दिल्ली की विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए विशेष प्रावधान होंगे। भाजपा के संकल्प पत्र के प्रावधानों को अमलीजामा पहनाने के लिए बजट में पर्याप्त फंड आवंटित करने की योजना है।

भाजपा ने कर रखी हैं कई घोषणाएं
चुनावों से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कई घोषणाएं की थीं, जिनमें गरीबों, महिलाओं, किसानों, व्यापारियों, युवाओं आदि के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं को जल्द से जल्द लागू करने के लिए बजट में बदलाव और नए दिशा-निर्देशों की जरूरत होगी। मंत्रियों ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया और अधिकारियों से बजट में इन सभी बिंदुओं का समावेश करने के लिए निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री से संगठनों ने की मुलाकात
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से बजट जनता की राय पर आधारित बनाने के किए गए एलान के कारण विभिन्न वर्गों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को उनसे मुलाकात की और बजट को लेकर सुझाव दिए। संगठनों ने खासतौर पर व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर जोर दिया।

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