उत्तराखंड के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को बेहतर बनाने के संकल्प के तहत श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने सोमवार को भगवान त्रियुगीनारायण मंदिर पहुँचकर पूजा-अर्चना की और मंदिर परिसर की व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया।
उन्होंने मंदिर की अखंड धूनी में आहुति अर्पित कर देश और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, तीर्थयात्रियों की कुशलता और लोकमंगल की कामना की।
व्यवस्थाओं को लेकर दिए सख्त निर्देश
निरीक्षण के दौरान श्री द्विवेदी ने मंदिर प्रांगण, कार्यालय, भंडार गृह, दर्शन पथ, जल और साफ-सफाई की स्थिति का जायज़ा लिया और अधिकारियों को आवश्यक सुधार हेतु निर्देशित किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि तीर्थयात्रियों की सुविधा में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
तीर्थ पुरोहितों से संवाद और बहिखाते में दर्ज की उपस्थिति
दर्शन के उपरांत उन्होंने तीर्थ पुरोहित बहिखाते (पारंपरिक उपस्थिति रजिस्टर) में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और तीर्थयात्रियों व पुरोहितों से सीधा संवाद कर उनकी जरूरतों को समझा। श्रद्धालुओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी राय ही मंदिरों के व्यवस्थापन की दिशा तय करती है।

त्रियुगीनारायण बनेगा आध्यात्मिक वेडिंग डेस्टिनेशन
इस विशेष अवसर पर उन्होंने कहा:
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की प्रेरणा से त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य हो रहा है। बीकेटीसी इस मिशन में पूरी प्रतिबद्धता से कार्यरत है।”
गौरतलब है कि यह वही स्थान है जहाँ भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह स्वयं भगवान विष्णु की साक्षी में सम्पन्न हुआ था। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से अपार महत्व रखता है, बल्कि अब यह धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक आयोजनों का भी प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।
समिति के पदाधिकारी भी रहे उपस्थित
निरीक्षण के समय बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, वरिष्ठ सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।