मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य के समग्र विकास हेतु मसूरी में आयोजित चिंतन शिविर में जो सुझाव सामने आये थे, उन सभी को धरातल पर लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सभी अधिकारियों को पूरी प्रशासनिक नेतृत्व क्षमता से कार्य करना होगा। राज्य के समग्र विकास एवं जन समस्याओं के समाधान हेतु सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के समाधान के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अपने कार्यों के लिए आम जन को अनावश्यक रूप से दफ्तरों में न आना पड़े। फ़ाइल सिस्टम को ऑनलाइन लाने पर फोकस किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शासन स्तर पर फाइलें अनावश्यक रूप से लम्बित न हों। जो फाइलें रूकी हैं, उनका दोबारा परीक्षण करवाया जाए। अनावश्यक रूप से फाइलें लंबित होने पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि जनपदों में जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी की सरकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
यह सुनिश्चित किया जाए कि समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन दिवस पर ग्राम चौपाल का आयोजन किया जायेगा। इसमें सभी आईएएस अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों में ग्राम चौपालों में प्रतिभाग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में भारत में G-20 शिखर सम्मेलन होगा। G-20 से दो दल उत्तराखण्ड भी आयेंगे। इस दौरान हम उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प एवं अन्य क्षेत्रों में क्या कर सकते हैं, इस कॉन्फ्रेंस में इस पर व्यापक चर्चा की जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल. फैनई, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली एवं अन्य आई.ए.एस अधिकारी उपस्थित थे।