बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर संसद में मनाही के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- “धीरे-धीरे सब जान जाइएगा।” आपलोग जानते ही हैं कि हमलोगों का बहुत पहले से आंदोलन चल रहा था। लगातार कितना काम करवा रहे थे। हम विशेष राज्य के लिए लगातार बोलते रहे हैं। इसके बाद कहा गया कि विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दीजिए। हमलोगों ने ही कहा कि विशेष राज्य का दर्जा या विशेष अधिकार के लिए मदद दीजिए। ताकि राज्य का विकास हो सके। इसके बाद केंद्रीय बजट में एनडीए सरकार ने बिहार को कई सौगात दी। कई चीजों की मदद देने की घोषणा की गई।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट सकारात्मक एवं स्वागत योग्य है। इस बजट में बिहार की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके तहत बिहार के मानव संसाधन विकास एवं बुनियादी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बजट में बिहार की सड़क सम्पर्क परियोजनाओं, विद्युत परियोजनाओं, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की संरचनाओं के लिये विशेष राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही बजट में बिहार के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिये विशेष सहायता की घोषणा की गयी है। बिहार को बाढ़ से बचाव के लिये भी बजट में बड़ा एलान किया गया है। कोशी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं के लिये विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की गयी है, जो स्वागत योग्य है। बिहार के लिये बजट में विशेष प्रावधान के लिये नरेन्द्र मोदी जी एवं माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को विशेष धन्यवाद। बजट में बिहार के लिये की गयी इन घोषणाओं से बिहार के विकास में सहयोग मिलेगा। आशा है कि आगे भी अन्य आवश्यकताओं के लिये केन्द्र सरकार इसी तरह बिहार के विकास में सहयोग करेगी।
जदयू ने केंद्रीय बजट में बिहार पर केंद्रित विशिष्ट घोषणाओं का स्वागत करते हुए कहा कि यह राज्य के विकास और उसे आत्मनिर्भर बनाने में कारगर होगा। पार्टी का रुख रखते हुए केसी त्यागी ने कहा कि राजमार्गों के लिए 26,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजटीय आवंटन और बाढ़ से लड़ने के लिए 11,500 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन से बिहार को केंद्र सरकार ने विशेष वित्तीय सहायता दी है। जदयू इसकी सराहना करता है। उन्होंने कहा कि राज्य में नए हवाई अड्डे और मेडिकल कॉलेज के अलावा गंगा नदी पर दो नए पुलों की घोषणा का हम स्वागत करते हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के विकास और नालंदा-राजगीर कॉरिडोर सहित पर्यटन स्थलों का विकास केंद्र सरकार की बड़ी सोच को दर्शाता है। गया को कोलकाता-अमृतसर कॉरिडोर का मुख्यालय बनाने और बिहार को तीन नए एक्सप्रेसवे देने का भी उन्होंने स्वागत किया।
जदयू कोटे से राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा कि बिहार के लिए यह एक बड़ा दिन है। यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि माननीया वित्त मंत्री ने यह घोषणा की है कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से, केंद्र सरकार कोसी-मेची अंतर-राज्य लिंक परियोजना तथा 20 अन्य मौजूदा एवं नई परियोजनाओं, जिनमें बैराज, नदी प्रदूषण नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी अनुमानित लागत 11,500 करोड़ रुपये है, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, कोसी नदी की बाढ़ के प्रभाव को कम करने तथा नई सिंचाई परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण भी कराया जाएगा। यह उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ से नुकसान की दशकों पुरानी समस्या के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक नई एवं बड़ी शुरुआत है। निश्चित रूप से यह एक स्वागत योग्य कदम है।