केरल में निपाह संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच मलप्पुरम जिले में चमगादड़ों से मिले वायरस की पुष्टि

केरल में एक बार फिर से गंभीर निपाह संक्रमण का जोखिम बढ़ता दिख रहा है। केरल के मलप्पुरम जिले में एकत्रित किए गए चमगादड़ों के नमूनों में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। आपको बता दें कि मलप्पुरम जिले में 21 जून को निपाह संक्रमण की वजह से एक 14 वर्षीय किशोर की मौत हो गई थी। किशोर का इलाज कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा था। पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने किशोर में निपाह संक्रमण की पुष्टि की थी। किशोर को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और इसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि 27 फलों से चमगादड़ों के नमूने एकत्रित किए गए थे। इन नमूनों को पांच किलोमीटर के दायरे से एकत्र किया गया था। इन नमूनों में छह में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। वीना जॉर्ज ने आगे बताया कि जो भी लोग संक्रमित किशोर के संपर्क में आए थे, उनके नमूनों की भी जांच की गई है। फिलहाल, किसी में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने आगे बताया कि कुल मिलाकर 472 लोग निपाह वायरस से संक्रमित किशोर के संपर्क में आए थे। इनमें से 261 लोग 21 दिन तक एकांतवास में रहे। अब सूची से इन लोगों का नाम हटा दिया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक अगर किसी को 3-5 दिनों से संक्रमण के लक्षणों का अनुभव हो रहा है और ये सामान्य उपचार से ठीक नहीं हो रहा है तो इसपर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। चूंकि इससे बचाव के लिए कोई टीका नहीं है ऐसे में संक्रमण को कम करने के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। हाथों की नियमित सफाई, फलों-सब्जियों को अच्छे से साफ करना, प्रभावित इलाकों की यात्रा से बचना निपाह के खतरे को कम करने का तरीका हो सकता है। केरल के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों को भी अलर्ट रहने की जरूरत है।

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