लिव इन में रह रही प्रेमिका के देरी से पहुंचने पर प्रेमी आपा खो बैठा और उसने गला दबाकर प्रेमिका की हत्या कर दी। इसके बाद शव सूटकेस में बंद कर वह स्कूटी से ले गया और आशारोड़ी के पास जंगल में फेंक आया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर तीन महीने बाद ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली युवती के हत्याकांड का पर्दाफाश किया है। आरोपित की निशानदेही पर युवती का कंकाल भी बरामद कर लिया गया है। आरोपित राशिद मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के अनुसार, 29 जनवरी को जमालपुर कलां, कनखल, जिला हरिद्वार निवासी शहरूल जहां ने पटेलनगर कोतवाली में 24 वर्षीय बेटी शहनूर की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति विहार कालोनी में रहती थी और यहां ब्यूटी पार्लर में काम करती है। 26 दिसंबर 2023 से वह लापता है। उसे ढूंढने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन पता नहीं लग पा रहा है।
इस पर पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी ने वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनमोहन सिंह नेगी व चौकी इंचार्ज आइएसबीटी विजय प्रताप राही की देखरेख में टीमें गठित की। जांच के दौरान पता चला कि शहनूर संस्कृति लोक कालोनी में राशिद निवासी बागोवाली, थाना नई मंडी, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के साथ लिवइन में रहती थी। पुलिस टीमों ने राशिद की तलाश शुरू की तो वह फरार मिला। शनिवार को संस्कृति विहार कालोनी से उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने 27 दिसंबर 2023 को शहनूर की गला दबाकर हत्या करने की बात कही। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि उसने शव को सूटकेस में डालकर आशारोड़ी के पास जगंल में फेंक दिया। इस पर पुलिस उसे साथ ले गई और आशारोड़ी से करीब पांच-छह किलोमीटर आगे जंगल से सूटकेस बरामद किया। जिमसें शहनूर का कंकाल मिला।
एसएसपी के अनुसार, पूछताछ में आरोपित राशिद ने बताया कि वह अपने गांव बागोवाली में बाइक रिपेयरिंग करता था। वर्ष 2017-18 में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उसकी पहचान शहनूर से हुई। इसके बाद दोनों में बातचीत होने लगी और वह एक-दूसरे से प्यार करने लगे। सितंबर 2023 में राशिद, शहनूर से मिलने देहरादून आया और उसके बाद संस्कृति लोक कालोनी में कमरा किराये में लेकर रहने लगा। शहनूर हमेशा रात में देरी से और कई बार अगले दिन सुबह कमरे में आती थी। राशिद जब उससे देरी से आने का कारण पूछता था तो वह टाल देती थी। राशिद ने कई बार शहनूर से ब्यूटी पार्लर का पता पूछा, लेकिन उसने नहीं बताया। ऐसे में उसे संदेह होने लगा कि शहनूर गलत धंधे में पड़ी है। 26 दिसंबर 2023 को भी शहनूर रात दो बजे कमरे में पहुंची, जिसके चलते दोनों के बीच झगड़ा हो गया। शहनूर ने राशिद को थप्पड़ मार दिया। इस पर आपा खोकर राशिद ने शहनूर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
घटना के बाद अगले दिन रााशिद, शहनूर की स्कूटी और एटीएम कार्ड लेकर गया और लालपुल (पटेलनगर) के पास एटीएम से 17 हजार रुपये निकाले और इसके बाद वहीं पास में एक शापिंग मार्ट से लाल रंग का बडा सूटकेस खरीदा। इसके बाद मुस्कान चौक पर हार्डवेयर की दुकान से रस्सी खरीदी और कमरे में गया। इसके बाद उसने शहनूर के शव को उस सूटकेस के अंदर डाला और स्कूटी की सीट पर बांधकर उसे आशारोड़ी के आगे सुनसान जगंल में ले जाकर फेंक दिया।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित राशिद शहनूर की स्कूटी लेकर अपने गांव बागोवाली मुजफ्फरनगर चला गया तथा कुछ दिन वहां रहने के बाद अपनी बहन के घर कालाआम रोड, विद्यानंद कालोनी, पानीपत चला गया, जहां पर उसने पिकअप में हेल्पर का काम करना शुरू कर दिया। 30 मार्च की रात वह संस्कृति लोक कालोनी स्थित किराये के कमरे से अपना सामान लेने के लिए आया था।
लिव इन में रह रही प्रेमिका के देरी से पहुंचने पर प्रेमी आपा खो बैठा और उसने गला दबाकर प्रेमिका की हत्या कर दी। इसके बाद शव सूटकेस में बंद कर वह स्कूटी से ले गया और आशारोड़ी के पास जंगल में फेंक आया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर तीन महीने बाद ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली युवती के हत्याकांड का पर्दाफाश किया है। आरोपित की निशानदेही पर युवती का कंकाल भी बरामद कर लिया गया है। आरोपित राशिद मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के अनुसार, 29 जनवरी को जमालपुर कलां, कनखल, जिला हरिद्वार निवासी शहरूल जहां ने पटेलनगर कोतवाली में 24 वर्षीय बेटी शहनूर की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति विहार कालोनी में रहती थी और यहां ब्यूटी पार्लर में काम करती है। 26 दिसंबर 2023 से वह लापता है। उसे ढूंढने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन पता नहीं लग पा रहा है।
इस पर पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी ने वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनमोहन सिंह नेगी व चौकी इंचार्ज आइएसबीटी विजय प्रताप राही की देखरेख में टीमें गठित की। जांच के दौरान पता चला कि शहनूर संस्कृति लोक कालोनी में राशिद निवासी बागोवाली, थाना नई मंडी, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के साथ लिवइन में रहती थी। पुलिस टीमों ने राशिद की तलाश शुरू की तो वह फरार मिला। शनिवार को संस्कृति विहार कालोनी से उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने 27 दिसंबर 2023 को शहनूर की गला दबाकर हत्या करने की बात कही। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि उसने शव को सूटकेस में डालकर आशारोड़ी के पास जगंल में फेंक दिया। इस पर पुलिस उसे साथ ले गई और आशारोड़ी से करीब पांच-छह किलोमीटर आगे जंगल से सूटकेस बरामद किया। जिमसें शहनूर का कंकाल मिला।
एसएसपी के अनुसार, पूछताछ में आरोपित राशिद ने बताया कि वह अपने गांव बागोवाली में बाइक रिपेयरिंग करता था। वर्ष 2017-18 में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उसकी पहचान शहनूर से हुई। इसके बाद दोनों में बातचीत होने लगी और वह एक-दूसरे से प्यार करने लगे। सितंबर 2023 में राशिद, शहनूर से मिलने देहरादून आया और उसके बाद संस्कृति लोक कालोनी में कमरा किराये में लेकर रहने लगा। शहनूर हमेशा रात में देरी से और कई बार अगले दिन सुबह कमरे में आती थी। राशिद जब उससे देरी से आने का कारण पूछता था तो वह टाल देती थी। राशिद ने कई बार शहनूर से ब्यूटी पार्लर का पता पूछा, लेकिन उसने नहीं बताया। ऐसे में उसे संदेह होने लगा कि शहनूर गलत धंधे में पड़ी है। 26 दिसंबर 2023 को भी शहनूर रात दो बजे कमरे में पहुंची, जिसके चलते दोनों के बीच झगड़ा हो गया। शहनूर ने राशिद को थप्पड़ मार दिया। इस पर आपा खोकर राशिद ने शहनूर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
घटना के बाद अगले दिन रााशिद, शहनूर की स्कूटी और एटीएम कार्ड लेकर गया और लालपुल (पटेलनगर) के पास एटीएम से 17 हजार रुपये निकाले और इसके बाद वहीं पास में एक शापिंग मार्ट से लाल रंग का बडा सूटकेस खरीदा। इसके बाद मुस्कान चौक पर हार्डवेयर की दुकान से रस्सी खरीदी और कमरे में गया। इसके बाद उसने शहनूर के शव को उस सूटकेस के अंदर डाला और स्कूटी की सीट पर बांधकर उसे आशारोड़ी के आगे सुनसान जगंल में ले जाकर फेंक दिया।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित राशिद शहनूर की स्कूटी लेकर अपने गांव बागोवाली मुजफ्फरनगर चला गया तथा कुछ दिन वहां रहने के बाद अपनी बहन के घर कालाआम रोड, विद्यानंद कालोनी, पानीपत चला गया, जहां पर उसने पिकअप में हेल्पर का काम करना शुरू कर दिया। 30 मार्च की रात वह संस्कृति लोक कालोनी स्थित किराये के कमरे से अपना सामान लेने के लिए आया था।