मंगल पांडेय का बयान, सभी सरकारी अस्पतालों का डिजिटलीकरण और 4.30 करोड़ हेल्थ अकाउंट का निर्माण

स्वास्थ्य मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार इस डिजिटल क्रांति के अग्रणी राज्यों में से एक हैं। मुख्यमंत्री के मार्गदर्षन में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना (एमडीएचवाई) बिहार सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित योजना है। इसके अंतर्गत भाव्या एप के सहयोग से हेल्थ इन्फार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों का डिजिटलीकरण किया जा रहा हैं। भव्या इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड, आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आईडी और रियल-टाइम डेटा एक्सचेंज को स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बनाकर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, डिजिटल रोगी पंजीकरण प्रतीक्षा समय को कम कर रहा है। यह सुविधा रेफरल और डिस्चार्ज प्रक्रियाओं में अस्पताल प्रशासन की दक्षता बढ़ाने में मदद कर रहा है।

दरअसल, पटना में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबी-डीएम) एवं मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना (एम-डीएचवाई) के भविष्य की कार्य योजना पर परिचर्चा हेतु एक दिवसीय बिहार कान्क्लेव का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया। अपने संबोधन में स्वास्थ्य पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का शुभारंभ 27 सितंबर 2021 को किया गया था। जिसका उद्देश्य देश की संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना और हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण एवं डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम प्रदान कर योजना को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। योजना के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट प्रदान कर उनकी संपूर्ण चिकित्सा जानकारी डिजिटल रूप से संरक्षित, सुगम और सुरक्षित हो सके।

इतने लोगों का इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड बन चुका
मंगल पांडेय ने कहा कि वर्तमान में बिहार ने एबीडीएम अंतर्गत स्कैन एण्ड शेयर में उत्कृष्ठ प्रर्दशन कर कुल एक करोड़ 79 लाख टोकन का निमार्ण करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य में कुल 4 करोड़ 30 लाख लोगों की आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट भव्या आई.डी. द्वारा बनाई गई है। राज्य एबीडीएम अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकार्ड की दिशा में सफलतापूर्वक कार्य करते हुए देश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। भव्या परियोजना ने ग्लोबल डिजिटल हेल्थ समिट 2024 में इनोवेशन अवार्ड जीता। अब तक राज्य में कुल 2 करोड़ 81 लाख लाभार्थियों का इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड बन चुका है। साथ ही 14 हजार 724 स्वास्थ्य संस्थानों का पंजीकरण किया जा चुका है। जिसमें सरकारी एवं निजी संस्थान शामिल हैं। एमएम-जेएवाई (मुख्यमंत्री जन-आरोग्य अभियान) के पात्र लाभार्थियों को भी एबी – पीएमजेएवाई (प्रधानमंत्री – जन आरोग्य योजना) की तरह प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज राज्य एवं राज्य के बाहर के सभी सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में मिल रहा है।

3.69 करोड़ पात्र लाभार्थी को आयुष्मान कार्ड मिल चुका है
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अबतक कुल 1.55 करोड़ परिवारों एवं 3.69 करोड़ पात्र लाभार्थी को आयुष्मान कार्ड मिल चुका है। अब तक राज्य में 16.72 लाख से अधिक लाभार्थियों को लगभग 2187 करोड़ रुपये का मुफ्त इलाज किया गया है। बिहार में स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य शिक्षा में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। चाहे टीकाकरण के मामले हो, आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले हो, हर केंद्रों पर दवा पहुंच व उपलब्धता के मामले हो। आज स्वास्थ्य के कई मानकों पर बिहार प्रथम स्थान पर है।  इस कार्यशाला में एनएचए निदेशक विक्रम पगारिया, स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार, राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ शशांक शेखर सिन्हा, मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह सहित कई चिकित्सक शामिल हुए।

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