यूपी के अयोध्या में तीन अलग-अलग क्षेत्रों में बंदी समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें एक वृद्ध और एक युवक का शव फंदे से लटका मिला। जबकि बंदी की मौत बीमारी से होना बताया गया है। सभी मामलों में पुलिस जांच कर रही है।
चौकी के बगल में सब्जी की दुकान चलाता था
नगर कोतवाली क्षेत्र के देवकाली पुलिस चौकी के बगल रहने वाले बैजनाथ गुप्ता (65) पुलिस चौकी के बगल ही सब्जी की दुकान चलाते थे। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा तीन बेटे और दो बेटी हैं। बुधवार को भी वह सब्जी की दुकान लगाए थे। शाम को भोजन करके वह अपने कमरे में सोने चले गए।
सुबह सोकर नहीं उठे तो परिजनों को संदेह हुआ और पुलिस को सूचित किया। मौके पर आई पुलिस ने दरवाजा तोड़वाकर देखा तो उनका शव फंदे से लटकता मिला। उपनिरीक्षक अनुराग पाठक ने बताया कि परिजनों ने किसी तरह का संदेह नहीं जताया है। मामला आत्महत्या का लग रहा है।
दूसरी घटना कैंट कोतवाली क्षेत्र के सदर बाजार में हुआ है। यहां रहने वाले मो. सद्दाम (32) सदर बाजार में ही किराना की दुकान चलाते थे। उनकी शादी नहीं हुई थी। बुधवार की रात को वह भोजन करके दूसरी मंजिल स्थित अपने कमरे में सोने चले गए।
पिछले दो-तीन से अवसाद में था
देर तक सोकर नहीं उठे तो परिजनों ने उनके कमरे का दरवाजा तोड़वाया और शव नीचे उतरवाया। थाना प्रभारी अमरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि परिजनों के अनुसार मृतक पिछले दो-तीन से अवसाद में था। अवसाद के कारणों की जांच की जा रही है।
बंदी की मौत, परिजनों ने की जांच की मांग
नगर कोतवाली क्षेत्र के ककरही बाजार निवासी सुनील कुमार धोखाधड़ी के आरोप में 19 जुलाई से मंडल कारागार में निरुद्ध थे। वह एक असाध्य रोग से ग्रसित थे। कारागार में दाखिल होने के बाद से ही उनका लगातार इलाज चल रहा था। कारागार प्रशासन के अनुसार बुधवार की भोर में लगभग तीन बजे उनकी तबियत अचानक खराब हुई, उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच लगभग पांच बजे इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
वहीं, घटना के बाद मृतक के परिजन जिला अस्पताल और पहुंचे और मौत पर संदेह जताया। मृतक की पत्नी रेनू ने बताया कि वह मृतक से मिलने जेल में जाती थीं, वह उस समय ठीक थे। अचानक से उनकी मौत हो गई और इसकी सूचना उन्हें देर से दी गई। उन्होंने मामले की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री से मांग की है।
लगातार कराया जा रहा था इलाज
वरिष्ठ जेल अधीक्षक उदयप्रताप मिश्रा ने बताया कि बंदी असाध्य रोग से ग्रसित था और एनीमिया भी हो गया था। लगातार उनका इलाज कराया जा रहा था। इसकी जानकारी परिजनों को भी थी। वह लगातार मिलने आते थे। मजिस्ट्रेट की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।