ताप विद्युत उत्पादन के मामले में देश की बिजली राजधानी के रूप में चर्चित हो रहे औरंगाबाद के नबीनगर ने सौर विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाया है। यहां स्थापित भारतीय रेल एवं एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) के 1000 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता वाले इकलौते पावर प्लांट ने 100 करोड़ से अधिक की लागत से सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की पहल की है।
22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का सौर विद्युत संयंत्र होगा स्थापित
सोमवार को परियोजना सभागार में मीडिया संवाद आयोजित किया गया। इसमें बीआबीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने कहा कि बीआरबीसीएल ने पावर प्लांट परिसर में 100 करोड़ की लागत से 22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली सौर उर्जा विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। योजना के तहत फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस परियोजना को शुरु करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके लिए बीआरबीसीएल परिसर में ही पर्याप्त मात्रा में भूमि और आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध हैं। बीआरबीसीएल परिसर में स्थापित होने वाला सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र औरंगाबाद जिले में पहला सोलर पावर प्लांट होगा। उन्होंने कहा कि नबीनगर स्थित प्लांट बीआरबीसीएल का देश का इकलौता ताप विद्युत संयंत्र है। इस संयंत्र के अलावा देश में कहीं भी बीआरबीसीएल का पावर प्लांट नहीं है और फिलहाल देश के किसी अन्य हिस्से में पावर प्लांट स्थापित करने की बीआरबीसीएल की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
प्रदूषण को शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य
बीजेसी शास्त्री ने कहा कि बीआरबीसीएल की थर्मल पावर परियोजना को पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र की स्थापना करीब 700 करोड़ की लागत से की जा रही है। संयंत्र में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एजजीडी) और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) जैसी तकनीक का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र की स्थापना का काम दिसंबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यह परियोजना 99 प्रतिशत से अधिक प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। वैसे वर्तमान में इस अत्याधुनिक बिजली संयंत्र में प्रदूषण की बिल्कुल कम गुंजाइश है।
बीआरबीसीएल बिहार को दे रही 100 मेगावाट बिजली
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेल बिजली कंपनी की नबीनगर परियोजना की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है। इसकी 90 प्रतिशत उत्पादित बिजली भारतीय रेलवे को दी जा रही है, जबकि 10 प्रतिशत यानी 100 मेगावाट बिजली बिहार को दी जा रही है।
औरंगाबाद में बनी बिजली से चल रही देश की 25 प्रतिशत ट्रेनें
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल की कुल विद्युत आवश्यकता के 25 प्रतिशत बिजली की पूर्ति भारतीय रेल बिजली कंपनी की नबीनगर प्रोजेक्ट से हो रही है। यानी देश की 25 प्रतिशत ट्रेनें औरंगाबाद में बनी बिजली से चल रही हैं। साथ ही बीआरबीसीएल द्वारा 22 मेगावाट का सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना का संयंत्र स्थापित किए जाने से बिहार को आपूर्त्ति की जाने वाली बिजली में 2.2 और भारतीय रेल को आपूर्ति की जाने वाली बिजली में 20 मेगावाट से अधिक की बढ़ोतरी होगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में बीआबीसीएल को हुआ 576 करोड़ का शुद्ध मुनाफा
बीजेसी शास्त्री ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बीआरबीसीएल की परियोजना को 576 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। इसमें एनटीपीसी की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत और भारतीय रेलवे की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही। गौरतलब है कि बीआरबीसीएल की नबीनगर परियोजना में ढाई-ढाई सौ मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता की कुल चार इकाइयां स्थापित हैं। इनका निर्माण 8000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कराया गया है।
इस वजह से देश की बिजली राजधानी के रूप में चर्चित हो रहा नबीनगर
औरंगाबाद का नबीनगर यूं ही नहीं देश की बिजली राजधानी बन रहा है। इसके पीछे खास वजह भी है। वजह यह है कि देश के किसी भी जिले में दो-दो बड़े पावर प्लांट स्थापित नहीं है। औरंगाबाद का नबीनगर ही देश की एकमात्र ऐसी जगह है, जहां दो बड़े पावर प्लांट स्थापित हैं और दोनों प्लांटों से कुल मिलाकर अभी 2980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन देश के किसी भी एक जिले के विद्युत उत्पादन संयंत्रों से नहीं हो रहा है। इन परियोजनाओं में पहला भारतीय रेल और एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) की एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली ताप विद्युत परियोजना है, जहां 22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना की जानी है। वहीं, दूसरी नबीनगर में ही स्थापित एनटीपीसी की 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली ताप विद्युत परियोजना है। साथ ही इस परियोजना के फेज-2 में 800-800 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता वाली तीन नई इकाइयों की स्थापना पर काम चल रहा है। इस लिहाज से वर्तमान में नबीनगर से अकेले 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है, जबकि एनटीपीसी नबीनगर में तीन नई इकाइयों और बीआरबीसीएल में 22 मेगावाट क्षमता वाले सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना होने से नबीनगर की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5402 मेगावाट हो जाएगी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। इसी वजह से नबीनगर को देश की बिजली राजधानी के अलंकरण से नवाजा जा रहा है।
ऐसे काम करता है सौर विद्युत संयंत्र
दरअसल, सौर तापीय संयंत्र एक ऐसी सुविधा है जिसे पारंपरिक थर्मोडायनामिक चक्र के माध्यम से सौर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस संयंत्र में जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर काम करने वाले थर्मल पावर प्लांट के विपरीत सूर्य के प्रकाश जैसे पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत का उपयोग किया जाता है। इसमें बिजली उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक सौर तापीय संयंत्र के प्रकार के आधार पर थोड़ी अलग होती है, लेकिन इसका ऑपरेटिंग सिस्टम समान होता है। सौर तापीय ऊर्जा संयंत्र तापीय चालक गुणों वाले द्रव को गर्म करने के लिए सौर विकिरण को केंद्रित करता है और इसका तापमान तब तक बढ़ाता है जब तक कि यह भाप में परिवर्तित न हो जाए। फिर इसे एक टरबाइन में डाला जाता है। जहां तापीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, जिसे एक अल्टरनेटर में प्रेषित किया जाता है। जहां इसका अंतिम रूप से बिजली में परिवर्तन होता है। एक बार थर्मोडायनामिक चक्र पूरा हो जाने के बाद भाप को एक कंडेनसर में वापस कर दिया जाता है, जहां यह अपनी तरल अवस्था को पुनः प्राप्त करता है और प्रक्रिया को फिर से दोहराया जाता है। दक्षता के दृष्टिकोण से यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सौर तापीय संयंत्र का प्रदर्शन धूप के घंटों और मौसम की स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए इन बिजली संयंत्रों में एक भंडारण टैंक भी होता है जो प्राप्त ऊर्जा को संग्रहित करने की अनुमति देता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके।
मीडिया संवाद में बीआरबीसीएल के महाप्रबंधक परियोजना संदीप दास, अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन अनिरुद्ध सिंह, मुख्य वित्त अधिकारी विजयश्री रंगनाथन तथा नैगम संचार कार्यपालक दिव्या बत्रा भी मौजूद रहे।