प्रदेश में अब इलाज के लिए ज्यादा रुपये नहीं होंगे खर्च, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड में अब इलाज के लिए ज्यादा रुपये खर्च नहीं होने वाले हैं। प्रदेश के चारों सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नए साल पर यानी 01 जनवरी 2023 से इलाज की दरें समान हो जाएंगी। दरें निर्धारित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी दिसंबर के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट निदेशालय को सौंपेगी।

ऐसे में जनवरी तक नई दरें लागू होने की बात कही जा रही है। राज्य में वर्तमान में देहरादून, श्रीनगर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इन सभी में यूजर चार्ज यानी कि ओपीडी की पर्ची से लेकर विभिन्न जांच आदि की फीस अलग-अलग हैं। जहां दून मेडिकल कॉलेज में ओपीडी की पर्ची 17 रुपये की बनती है, वहीं अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में इसके लिए 28 रुपये लिए जाते हैं।

श्रीनगर और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में इसकी फीस 5-5 रुपये है। इसके अलावा पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत ज्यादातर जांचों के शुल्क में भी तीन से पांच गुना का अंतर है। इसी अंतर को खत्म करने के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने चारों मेडिकल कॉलेज से एक-एक प्रतिनिधि लेकर एक कमेटी का गठन किया है।

माना जा रहा है कि दरें समान होने पर हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में इलाज महंगा हो जाएगा, वहीं अल्मोड़ा और दून मेडिकल कॉलेज की दरों में कमी आएगी।

एम्स, पीजीआई से कम होंगी दरें: कमेटी जहां राज्य के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए एक समान दरें तय करेगी वहीं इस बात का भी ध्यान रखेगी कि दरें बहुत ज्यादा या कम भी नहीं हों। यानि जिस मेडिकल कॉलेज में शुल्क कम है वहां बढ़ाया जाएगा और जहां ज्यादा हैं, वहां कम किया जाएगा। एक तरह दरों को बैलेंस करने पर जोर दिया जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि इलाज की दरें एम्स और पीजीआई से कम रखी जाएंगी।

ये लोग हैं कमेटी में

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज- सीएस गुरुरानी
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज- डॉ.जेबी गोगई
दून मेडिकल कॉलेज – डॉ.शशि उप्रेती
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज- डॉ. आरएस बिष्ट

सीएस गुरुरानी, कमेटी सदस्य, मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी- निदेशालय द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के यूजर चार्ज को लेकर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। दिसंबर पहले सप्ताह में रिपोर्ट निदेशालय को सौंप दी जाएगी।

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