पटना और दरभंगा में छात्राओं का महिला अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन, इंसाफ की मांग

छात्रों ने कहा कि हम, छात्र होने के नाते, मानते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के विरोध में पटना में स्कूल की छात्राओं ने प्रदर्शन किया। कक्षा नौ से 12 तक के छात्राओं ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और हिंसा के विरोध में एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक मानव श्रृंखला बनाई। इस आयोजन का उद्देश्य यह संदेश देना था कि हमारे समाज में लिंग आधारित हिंसा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्यक्रम नोट्रे डेम अकादमी द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें छात्रों ने मानव श्रृंखला के माध्यम से एक इंटर्न डॉक्टर के साथ हुए घिनौने बलात्कार और हत्या की निंदा की और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी नाराजगी व्यक्त की।इस मानव श्रृंखला में 1000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जो स्कूल के गेट से लेकर कुर्जी मोड़ तक फैली थी। प्रतिभागियों ने हाथों में हाथ डालकर शक्तिशाली नारों वाले बैनर दिखाए, जैसे “नोट्रे डेम फॉर जस्टिस”, “चुप्पी तोड़ो; हिंसा रोको”। छात्र आयोजक ने कहा, “हम, छात्र होने के नाते, मानते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। हम सभी के लिए एक सुरक्षित समाज की मांग करते हैं और अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई करने और न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।छात्र प्रतिनिधि ने आगे कहा, “इस मानव श्रृंखला के माध्यम से, हम दिखाना चाहते हैं कि हम इस अत्याचार के खिलाफ एकजुट हैं और न्याय की मांग करते हैं।” इस आयोजन ने सभी के लिए एक सुरक्षित और अधिक न्यायसंगत समाज बनाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता को उजागर किया।वहीं दरभंगा होली क्रॉस स्कूल की सैंकड़ो छात्राएं अपने स्कूल से निकल कर सड़क पर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया।  सभी छात्राएं अपने अपने हाथों में अलग अलग विरोध के बैनर पोस्टर लेकर सड़क किनारे खड़े होकर इंसाफ की मांग कर रही थी वही समाज में बढ़ रहे महिला अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही थी। इनकी तख्तियों पर वी वांट जस्टिस के अलावा एक दो तीन चार बंद करो अत्याचार जैसे नारे लगा छोटे छोटे स्कूली बच्चे के आखों में महिला अत्याचार के खिलाफ गुस्सा भी साफ दिखाई दे रहा था। वे लगातार महिला अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद कर रही थीं। करीब तीन घंटे तक इस कड़ी धूप के बावजूद सड़क पर खड़े होकर प्रदर्शन करने के बाद सभी छात्राएं जुलुस की शक्ल में नारे लगाते हुए अपने स्कूल तक गई।  प्रदर्शनकारी बच्चे की मुख्य मांग यह थी कि किसी भी रूप में बलात्कारी को बचाने का काम कोई नही कर बल्कि जो भी बलात्कारी है उसे सीधे चौराहे पर फांसी की सजा देनी चाहिए ताकि ऐसे घटना को अंजाम देने वाले लोगो को सबक मिल सके ।

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