उत्तराखंड:- जैव विविधता से संपन्न राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटक रेंजों के द्वार शुक्रवार को सैलानियों के लिए खोल दिए गए। मोतीचूर में सुबह करीब सात बजे वन्य जीव प्रतिपादक हरीश नेगी ने रिबन काटकर गेट खोला। इस दौरान पर्यटन व जंगल सफारी के लिए आए रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के 60 सदस्य दल का वनकर्मियों ने तिलक लगाकर व फूल मालाओं से स्वागत किया। पर्यटकों के स्वागत के लिए गेट को खूबसूरत ढंग से सजाया गया है। बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न तरह के वन्य जीवों की दुनिया से संपन्न है। पार्क में हाथी, गुलदार, हिरण, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई उन वन्य जीवों व पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जो लुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में हैं।
मुख्य रूप से हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व में अब बाघ भी अच्छी संख्या में मौजूद हैं। सैलानी इनका दीदार पार्क की चीला, मोतीचूर व हरिद्वार रेंज में कर सकते हैं। जिम कॉर्बेट पार्क से भी राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में पांच बाघ शिफ्ट किए गए हैं।पर्यटकों की जान से खिलवाड़ करने वाले डग्गामार वाहनों को पार्क में जाने की अनुमति नहीं होगी। वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। वन क्षेत्राधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि इस बार केवल टैक्सी नंबर के रजिस्टर्ड वाहन ही पर्यटकों को पार्क के भीतर ले जाएंगे, इसके लिए वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं।
निजी वाहन से पार्क में जाने वाले पर्यटकों के साथ नेचर गाइड अनिवार्य रूप से रहेगा। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सबसे आगे व सबसे पीछे चलने वाली गाड़ी के साथ वायरलैस भी होगा, ताकि वन्य जीवों के रास्ते में टकराने की स्थिति में इसकी सूचना एक दूसरे को दी जा सके। वन चौकियों में भी वायरलैस सैट लगाए गए हैं। पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क इस बार भी बीते वर्ष की भांति रहेंगे। भारतीय पर्यटक से 150 रुपये, विदेशी से 600 रुपये, भारतीय वाहन से 250 जबकि विदेशी वाहन से 500 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। छात्रों के लिए आधा शुल्क माफ होगा। वन विश्राम भवन में एक रात्रि विश्राम शुल्क 1000 रुपये, डिजिटल व्यवसायिक कैमरा शुल्क 500, फीचर फिल्म निर्माण के लिए 100000 रुपये व वृत्त चित्र निर्माण पर 10000 रुपये शुल्क लिया जाएगा।