ऋषिकेश में वन तस्करों और भू माफियाओं ने करवा चौथ की रात दशकों पुराने आम के बगीचे में 96 पेड़ कटवा डाले। इसके लिए करीब 48 मजदूर इकट्ठा किए गए थे। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घेराबंदी कर 42 लोगों को पकड़ भी लिया, लेकिन मामला उद्यान विभाग से जुड़ा बताकर सभी को छोड़ दिया। जिस तरह नाटकीय ढंग से घटनाक्रम हुआ, उस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
रानीपोखरी के शांतिनगर गांव में करीब 10 बीघा जमीन पर कई दशक पुराना बगीचा है। काफी समय से भू माफियाओं की नजर इस जमीन पर थी और वह पेड़ों को काटकर प्लाटिंग करने की योजना बना रहे हैं। इसीलिए वन तस्करों के साथ मिलकर उन्होंने एक ही रात में बगीचा साफ करने की साजिश रची। रविवार को जब सभी लोग करवा चौथ मनाने में व्यस्त थे, तभी इस काम में पेड़ काटने वाले 48 मजदूर लगा दिए। काटे गए पेड़ चालीस से पचास साल से अधिक के बताए गए हैं।
आम प्रजाति के पेड़ काटने के लिए अनुमति देना और कार्रवाई करने का अधिकार उद्यान विभाग का है। वन विभाग से केवल लकड़ी ले जाने के लिए अनुमति मांगी जाती है।
– नीरज शर्मा, प्रभागीय, वनाधिकारी, देहरादून वन प्रभाग
शांतिनगर में पचास से साठ साल पुराने करीब 96 आम के पेड़ों को कुल्हाड़ी से काटा गया है। मामले में कार्रवाई का अधिकार उद्यान विभाग को है। वन विभाग कटे पेड़ों की रवानगी नहीं होने देगा।
– धीरज रावत, रेंजर बड़कोट रेंज
आम के पेड़ों को काटे जाने की कोई भी सूचना किसी भी विभाग या व्यक्ति की ओर से हमें नहीं मिली है। न ही विभाग की ओर से किसी को आम के पेड़ काटने की अनुमति दी गई है। यदि ऐसा है तो मामले में जानकारी जुटाई जाएगी। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
– एमपी साही, मुख्य उद्यान अधिकारी, देहरादून।