उत्तराखंड में सर्वोच्च पदों पर महिलाओं को जगह मिलने का सिलसिला जारी, रितु बाहरी बनी उत्तराखंड हाईकोर्ट  की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश

देहरादून:- उत्तराखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के तौर पर रितु बाहरी ने आज शपथ ली। राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ने देहरादून राजभवन में मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत प्रदेश के कई गणमान्य लोग शामिल हुए। उत्तराखंड में सर्वोच्च पदों पर महिलाओं को जगह मिलने का सिलसिला जारी है। राज्य में ब्यूरोक्रेसी की बॉस के रूप में जहां राधा रतूड़ी को जगह दी गई है तो वहीं उत्तराखंड में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी ऋतु खंडूरी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इस बीच अब उत्तराखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश पद पर भी रितु बाहरी ने शपथ ले ली है। राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान के लिए बाहरी ने मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ने मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई।

इस दौरान शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट के कुछ सदस्यों के साथ ही दूसरे कई गणमान्य लोग शामिल हुए। दरअसल रितु बाहरी हरियाणा और चंडीगढ़ हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रही थी। उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के 26 अक्टूबर को सेवानिवृत होने के बाद से ही इस पद पर स्थायी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति होना लंबित था। इसके बाद वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद रितु बाहरी के मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई थी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की न्यायाधीश रितु बाहरी को नैनीताल हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश को लेकर सिफारिश की थी।  रितु बाहरी का जन्म पंजाब में 1962 में हुआ और उन्होंने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ में की है। इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए बाद में उन्हें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्त कर दिया गया। रितु बाहरी के पिता भी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जज रहे हैं।

 

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