आप गढ़वाल मीडिया प्रभारी ने कहा प्रदेश के मुखिया का इस प्रकार लोगों को बेघर कर पल्ला झाड़ना मानवता नहीं

देहरादून:  आज आम आदमी पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद ने एक बयान जारी कर हल्द्वानी बनफूलपुरा की रेलवे कॉलोनी में लगभग 78 एकड़ जमीन में बसे 4000 परिवारों को अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया उन्होंने कहा राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री धामी को वहां के लोगों के पुनर्वास के लिए संकल्प लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है जिसमें वह यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि यह मामला रेलवे और कोर्ट का है और हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है एवं ऐसी बात कहकर मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से भागने का काम कर रहे हैं उन्होंने कहा पिछले 5 साल से जब भी कोई इस प्रकार का मुद्दा सामने आता है तो राज्य सरकार कोर्ट की दुहाई देकर के पल्ला झाड़ लेती है उन्होंने सवाल किया कि क्या उत्तराखंड की जनता के हित के सभी फैसले हाईकोर्ट में ही होंगे ? तो फिर सरकार का क्या लाभ है ?

आम आदमी पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद
आम आदमी पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद

उन्होंने कहा उत्तराखंड की जनता ने यह सोच कर भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया था कि समय आने पर हमें सरकार का संरक्षण मिलेगा जबकि भाजपा द्वारा बिल्कुल इसके विपरीत कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि सरकार का कोई नुमाइंदा अब तक इस मुद्दे में बेघर होने वाले लोगों को हमदर्दी के तौर पर पुनर्वास की बात नहीं कह रहा है इससे भाजपा के सबका साथ सबका विकास नारे की पोल खुलती है उन्होंने कहा इतनी सर्द ठंड में जब सामाजिक कार्यकर्ता एवं संस्थाएं लोगों को कंबल इत्यादि दान कर रही है तब हल्द्वानी के लोगों को सरकार घर से बेघर कर सड़क पर लाने का काम कर रही है उन्होंने कहा इससे देवभूमि उत्तराखंड का नाम कलंकित होता है जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी द्वारा इस पूरे मामले पर एक कमेटी का गठन किया गया है एवं जिन लोगों को वहां से हटाने का काम राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है उनके लिए आम आदमी पार्टी कोर्ट में अपने वकीलों के पैनल के साथ मुफ्त पैरवी करने को भी तैयार है उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा हाई कोर्ट में मजबूत पक्ष रखा जाता तो यह नौबत ना आती और सरकार ने प्रशासन को मोहरा बनाकर चिन्हित कर लोगों को घरों से बेघर करने का जो काम किया है वो अमानवीय कृत्य है।

यह भी पढ़ें:-https://alam-e-tasveer.com/people-protested-against-land-subsidence-and-cracks-in-joshimath/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *