भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय कुमार गुप्ता को हाईकोर्ट ने मुकदमा से मुक्ति दिलाई, आरोपों में बरपायी गई थी साजिश का खुलासा

राजनीति षडयंत्र का शिकार हुए पूर्व भाजपा महामंत्री संगठन संजय कुमार

हाईकोर्ट से पुलिस की चार्ज शीट पर उठाए कई सवाल

जिस दिन दुराचार को आरोप लगाया उस दिन दून में नहीं से संजय कुमार

देहरादून: राजनीति में हमेशा इतिहास रहा राजनेता एक दूसरे की साख गिराने के लिए विरोध में षडयंत्र रचते रहते है। ऐसे ही एक षडयंत्र का शिकार भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) रहे संजय कुमार गुप्ता हुए हैं। जिसका उदाहरण हाईकोर्ट उनके विरुद्ध दुराचार व यौन शोषण के मामले में समन जारी करने के साथ ही मुकदमे से संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून की पूरी कार्रवाई रद कर दी है। पुलिस के आरोप में कोर्ट को कई खामियां मिली है। 10 मार्च 2018 में उन पर देहरादून स्थित आवास पर दुराचार का आरोप लगाया है जबकि उस दिन वह देहरादून में थे ही नहीं। इससे पता चलता है कि उनके खिलाफ बड़ी साजिश रची गई थी।

उन पर पुलिस ने इस मामले में संजय कुमार गुप्ता के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट में धारा 354ए-3 (महिला की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाना) और 354ए-4 (यौन संबंधी टिप्पणी करना) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। निचली कोर्ट से जारी सम्मन को संजय कुमार ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता और और शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन के विवरण और डेटा से संबंधित फोरेंसिक रिपोर्ट सहित सबूतों की जांच करने के बाद कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गएं आरोप प्रथमदृष्टया मामला नहीं बनाते हैं। याचिकाकर्ता संजय कुमार के अधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता सीआरपीसी की धारा-161 व 164 के तहत दर्ज कराए बयान में दुराचार का उल्लेख नहीं किया है। जबकि आरोप लगाया गया था कि संजय ने 10 मार्च 2018 को अपने आवास पर दुराचार किया। इस मामले की पुलिस जांच में पता चला कि संजय 10 मार्च को देहरादून में मौजूद ही नहीं थे। इसलिए जांच अधिकारी ने केवल धारा 354 (ए) (तीन) और (चार) के तहत आरोप पत्र प्रस्तुत किया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी बताया कि मोबाइल फोन एफएसएल कु चंडीगढ़ भेजे गए थे, लेकिन हँडसेट या वाट्सएप संदेशों से भी ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला। कोर्ट ने एफआइआर और बयानों में शिकायतकर्ता के आरोपों में विसंगतियां पाई। कोर्ट ने इस आधार पर संजय कुमार का सीजेएम देहरादून के समक्ष लंबित मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भेजा गया समन निरस्त कर दिया। पूरे मामले में उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। आरोप लगाने वाले के मोबाइल से कोई सबूत नहीं मिला है। बस बात चीत के आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया। पुलिस उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई है जिसके कारण पुलिस के आरोप पत्र पर कोर्ट ने कई सवाल उठाए हैं।

अपनों ने ही रची मेरे खिलाफ साजिशः संजय कुमार

देहरादून। भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन रहे संजय कुमार ने कहा कि हाई कोर्ट की ओर से मुझे न्याय मिला है। इसके लिए मैं कोर्ट का हृदय से धन्यवाद करता हूं। अब मैं संघ व भाजपा के उच्च पदाधिकारियों से मिलूंगा और उनके निर्देशन पर ही आगे की दिशा तय होगी। उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था। सामाजिक रूप से बदनाम संजय कुमार करने की कोशिश की गई। राजनीतिक जीवन समाप्त करने का जागरण आर्काइव प्रयास किया गया। इतने वर्षों तक मैंने मानसिक व सामाजिक पीड़ा झेली। यह मेरे लिए बहुत कष्टदायक था। कोर्ट की वजह से उनको भी करारा जवाब मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *