उत्तराखंड:- 22 अप्रैल से प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है वहीं COVID-19 के चलते 2020 और 21 में उत्तराखंड की लाइफ लाइन कही जाने वाली चारधाम यात्रा सही तरीके से सुचारू नहीं हो पाई, इस वजह से उत्तराखंड को आर्थिक रूप से तो भारी नुकसान हुआ है, दूसरी तरफ वो श्रद्धालु जो चारधाम यात्रा में आना चाहते थे वह भी नहीं आ पाए। उसके बाद 2022 में जब कोरोना महामारी से हालत सामान्य हुए और प्रशासन द्वारा कोरोना पालन की सख्ती को कम किया गया, और चारधाम यात्रा शुरू हुई, दूसरी तरफ जैसे ही 2022 में यात्रा शुरू हुई तो रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु चारधाम यात्रा करने के लिए आए। पिछले कई सालों में इतने श्रद्धालु एक साथ उत्तराखंड में चारधाम यात्रा करने के लिए नहीं आए थे, इसी दौरान प्रशासन के सामने कई सारे चुनौतियां खड़ी हुई।
उसी में से एक चुनौती चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं को किस तरह से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाए। 2022 की यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं की मृत्यु भी हो गई थी, वहीं अब स्वास्थ्य विभाग के सामने भी यही एक बड़ी चुनौती खड़ी है कि 2023 की यात्रा के दौरान इससे किस तरह से निपटा जाए। 2022 में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तरफ से काफी तैयारियां की थी वहीं अब 2023 में भी चारधाम यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आने को तैयार है। अभी तक कई लाख श्रद्धालुओं ने अपनी ऑनलाइन बुकिंग भी करवा दी है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने कई सारी चुनौतियां खड़ी होती जा रही हैं। और इन्ही से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव के साथ कई सारे बैठे भी ले रहे हैं, स्वयं मुख्यमंत्री भी अधिकारियों के साथ कई बैठकें ले चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हम इस बार अपनी तैयारी को बहुत पुख्ता कर रहे हैं, डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि इस बार हम समय-समय पर s.o.p जारी करेंगे और s.o.p. में जो सबसे ज्यादा जरूरी होगा वह होगा कि चारधाम यात्रा में जाने से पहले यात्री अपने आप को उत्तराखंड के वातावरण में डाल लें। स्वास्थ सचिव ने कहा है कि हम श्रद्धालुओं की जांच करके उन्हें आगे भेजेंगे। तो दूसरी तरफ एक सवाल जो खड़ा होता है वह यह है कि डॉक्टरों की और फार्मासिस्ट की ड्यूटी किस तरह से चार धाम में लगाई जाएगी, क्योंकि पिछले बार देखने के लिए मिला था कि डॉक्टर और फार्मासिस्ट दोनों ही काफी नाराज थे, उनका कहना था कि एक बार जब उन्हें चारधाम यात्रा में भेजा जा रहा है तो लंबे समय तक उनको वहीं पर रोका जा रहा है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य को भी नुकसान हो रहा है, इसको लेकर डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा है कि हमने सभी से बात की है, और एक नया चार्ट भी बना दिया है, जिसके तहत ज्यादा दिनों तक किसी भी डॉक्टर या फार्मेसिस्ट को चारधाम यात्रा में नहीं रोका जाएगा। उसी तरह हमने यह सभी बातें केंद्र सरकार को भी भेज दी है, केंद्र सरकार से भी जल्दी हमें इसको लेकर मदद मिलेगी।