कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में सचिवालय में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में पशुपालन, डेरी, मत्स्य विभाग के अधिकारियों एवं पशुपालकों के साथ उनकी आय वृद्धि और रोजगार सृजन के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया, मंत्री बहुगुणा ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में चल रही पशुओं से संबंधित लंपी स्किन डिजीज को देखते हुए उत्तराखंड में अलर्ट जारी किया गया है, हालांकि अभी यहां पर ऐसा कोई केस नहीं आया है।
बैठक में मंत्री ने पूरे प्रदेश से आए प्रगतिशील पशुपालकों से संवाद किया, साथ ही लंबित भुगतान समस्या का मौके पर निस्तारण किया गया है, सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कार्यक्रम में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओं एवं भारत सरकार की सहायतित योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। कालसी फार्म पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजयपाल असवाल ने देशी एवं विदेशी उन्नत नस्ल के भ्रूण प्रत्यारोपण और चारा की कमी को दूर करने के उपाय की कार्य योजना प्रस्तुत की, निदेशक पशुपालन संयुक्त डॉ राकेश सिंह नेगी ने नए और पुराने पशुपालन उद्यमियों के लिये भारत सरकार द्वारा उपलब्ध योजनाओं से लाभ लेते हुए नए पशुपालन उद्योग लगाने के लिये सुझाव दिए। उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं, किसानों की समस्याओं को दूर करने के सुझाव, योजनाओं में पर्वतीय मैदानी क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाने के सुझाव दिए।
मुख्य अधिशासी अधिकारी अपर निदेशक डॉ अविनाश आनन्द ने शीफ एवं यूथ डेवलपमेंट बोर्ड ने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए लिए बकरी पालन की योजनाओं एवं नये प्रोजेक्ट की जानकारी दी गयी, ऑनलाइन माध्यम से भारत सरकार से जुड़े डॉ प्रवीण मलिक, कमिश्नर पशुपालन विभाग भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड को पशुपालन संबंधी योजनाओं के संचालन के लिये हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया, डॉ मलिक ने देश में फैल रही लंपी स्किन डिजीज को रोकने के लिए तत्काल सीमांत क्षेत्रों में पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरूकता एवं रोकथाम उपाय करने के लिए कार्य करने के सुझाव दिया गया, डेयरी विकास के संयुक्त निदेशक जयदीप अरोड़ा ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं रोजगारपरक योजनाओं की जानकारी दी।
आखिर क्या है लम्पी डिजीज रोग
लम्पी डिजीज पशुओं शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं, वायरस के कारण पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है, बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता बहुत ज्यादा गिरने लगती है, इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते दिखने लगते हैं, बताया जा रहा है कि लम्पी डिजीज संक्रमित गाय के संपर्क में आने से दूसरी गायों में फैलती है, यह रोग मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान फैल सकती है।
यही नहीं दूषित गाय के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है, कार्यक्रम में सभी जनपदों के जनपद स्तरीय अधिकारियों भी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े, इस दौरान कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सभी विभागों को 2025 से पहले अपने विभागों की कार्ययोजना के माध्यम से पशुपालकों के लिए ऐसी योजना बनाने का आह्वान किया, जिसके माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित हों और उत्तराखंड का नाम पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में हो सके।