भारत सरकार एवं राज्य सरकार की प्रत्येक बच्चें तक शिक्षा पहुंचाने के दृष्टिगत निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक सम्बन्धी महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती है।
छात्र-छात्राओं को समय पर पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु समय-समय पर निर्देश दिये जाते रहे हैं, किन्तु दिनांक 05 जून, 2022 की समीक्षा बैठक में संज्ञानित हुआ है कि कतिपय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अभी तक भी निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाई है, जो अत्यंत खेद का विषय है। जबकि छात्र-छात्राओं को पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराया जाना शिक्षण अधिगम प्रकिया का एक महत्वपूर्ण अवयव है, जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं है।
छात्र-छात्राओं को समय पर पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु समय-समय पर निर्देश दिये जाते रहे हैं, किन्तु दिनांक 05 जून, 2022 की समीक्षा बैठक में संज्ञानित हुआ है कि कतिपय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अभी तक भी निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाई है, जो अत्यंत खेद का विषय है। जबकि छात्र-छात्राओं को पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराया जाना शिक्षण अधिगम प्रकिया का एक महत्वपूर्ण अवयव है, जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं है।
अतः छात्र-छात्राओं को समयान्तर्गत निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराने पर महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड सहित उनके अधीनस्थ समस्त अधिकारी (निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, उप शिक्षा अधिकारी) व कार्मिक (शैक्षिक संवर्ग को छोड़कर), जो निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक प्रक्रिया में सम्मिलित हैं, के वेतन आहरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है। प्रत्येक स्तर से छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण सम्बन्धी पत्र प्राप्त होने व प्राप्त प्रमाण पत्र का भली-भांति परीक्षण / संतुष्ट होने पर ही वेतन आहरण के सम्बन्ध में निर्णय लिया जायेगा।