नई दिल्ली ज्ञानवापी विवाद आज कल सुर्खियों में चल रहा है वहीं आज उच्चतम न्यायालय तीन बजे वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस विवादित मुद्दे पर सुनवाई की जाएगी। बीते दिन कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद को सुनवाई स्थगित हुई थी।
इस बीच हिंदू पक्षकार ने शीर्ष अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विवादित जगह मस्जिद नहीं, बल्कि भगवान की संपत्ति है। भारत में इस्लामिक शासन से हजारों साल पहले से यह संपत्ति भगवान आदि विश्वेश्वर की है तथा इसे किसी को नहीं दी जा सकती सदियों से उस स्थल पर हिंदू रीतियों का पालन करते हुए लोग परिक्रमा करते आ रहे हैं।
हिंदू पक्ष के जवाब में कहा गया कि औरंगजेब के शासक में उस मंदिर की संपत्ति पर जबरन कब्जा किया इसे कब्जे से मुसलनामों को संपत्ति पर हक नहीं मिल सकता। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अंजुमन ए इंतोजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई से पूर्व यह तथ्य अदातल में पेश किया। हिंदू पक्ष का कहना है 15 अगस्त 1947 को विचाराधीन उस संपत्ति का स्वरुप हिंदू मंदिर था क्योंकि हिंदू देवताओं और अन्य सहयोगी देवताओं की छवियां वहां मौजूद थी तथा उनकी पूजा की जा रही थी।