कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैम्प कार्यालय में प्रेसवार्ता में कहा अग्निपथ योजना सेना,देश व युवा तीनों के लिए विनाशकारी है यह जानते हुए भी केंद्र सरकार के मंत्री, भाजपा के तमाम नेता यह कुतर्क दे रहे हैं कि अग्निपथ योजना देश सेना व युवाओं के हक़ में है यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि अग्निपथ के पक्ष में कहा जा रहा है कि इससे रोजगार सृजन होगा जो सरासर झूठ है क्योंकि देश के सैन्य बलों में प्रतिवर्ष 55 हज़ार से लेकर अस्सी हजार तक सैनिक भर्ती होते थे नियमित भर्ती में अग्निपथ में प्रस्तावित 45 हज़ार भर्तियों के सापेक्ष और सिपाही भर्ती होने वाला नौजवान 15 से लेकर 18 वर्ष तक सेना में सेवा दे सकता था, उन्होंने कहा कि सिपाही भर्ती होने वाला जवान सेना में सूबेदार मेजर तक के पद पर पहुंच सकता था जबकि अग्निपथ योजना में न तो उसके पास कोई रैंक होगा न कोई प्रोनत्ति न कोई पेंशन और सेवा मात्र चार साल।
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि यह प्रचार किया जा रहा है कि ऐसा इजराइल समेत अनेक देशों में है यह भी कुतर्क है क्योंकि इजराइल में युवा सेना में जाना ही नहीं चाहते इसलिए वहां कानून है कि एक सीमित समय अवधि के लिए हर नागरिक को सेना में प्रशिक्षण व सेवा करनी होगी और कई योरोपियन देश जहां अल्प अवधि के लिए भर्ती का नियम है वहां आबादी ही इतनी कम है कि दूसरे देश के नागरिकों को भी सेना में भर्ती किया जाता है।
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि एक बड़ा कुतर्क यह दिया जा रहा है कि इससे हमारी सेना जवान हो जाएगी जो सरासर गलत है क्योंकि आज भी सेना में युद्ध में भागीदारी करने वाले जवान 20 से 34 वर्ष के ही होते हैं । कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि आज जिस विनाशकारी देश सेना व युवा विरोधी अग्निपथ योजना का कुतर्क दे कर बचाव किया जा रहा है।
यही लोग किसान आंदोलन के समय कुतर्क दे कर किसान विरोधी कानूनों का बचाव कुतर्क दे कर कर रहे थे। धस्माना ने कहा कि सच्चाई यह है कि देश का आर्थिक दिवाला निकल चुका है मोदी सरकार की विनाशकरियों नीतियों के कारण और अब सरकार सैनिकों को वेतन व पेंशन देने में असमर्थ हो गयी है। उन्होनें कहा कि नोटबन्दी, जीएसटी,सार्वजनिक क्षेत्र की बिकवाली व देश में धार्मिक ध्रुवीकरण की नीतियों से देश की आर्थिक स्थितियां बेहद चिंताजनक हो चुकी हैं और सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि बजाय देश के आर्थिक तंत्र को मजबूत करने के मोदी सरकार की बुरी नज़र सेना के बजट पर पड़ गयी है।
जिसे पहले ही वे आठ साल में 16 प्रतिशत से घटा कर 14 प्रतिशत कर चुके हैं। धस्माना ने कहा कि देश हित में सरकार को तत्काल इस योजना को रद्द कर सेना में नियमित भर्ती शुरू करनी चाहिए वरना देश के युवाओं का आक्रोश थमने वाला नहीं है।